पल पल चलती जिंदगी का क्या भरोसा? कौन सा पल अंतिम होगा क्या भरोसा? जिंदगी छोटी है.. कितनी छोटी है ये जिंदगी क्या भरोसा? जिंदगी खेल है, जिसका कई लोगों से मेल है , बहुत कुछ सिखाती है , बहुत कुछ बताती है , बहुत कुछ छुपाती है ये जिंदगी , कौन सा पल सच्चा है , कौन सा जूठा .. क्या भरोसा ? चलती - चलाती आगे बढ़ाती गाढ़ी है जिंदगी , किस मोड़ पर आके रुके क्या भरोसा ? एक पल ख़ुशी , एक पल उदासी , एक पल प्यार , एक पल खटास है ये जिंदगी . जिंदगी पहेली है , जिसने पहचान ली वो इसकी सहेली है , जिंदगी बिजली की रफ़्तार चलती है जिसके आगे अच्छे - अच्छों की नहीं चलती है .. एक पल से एक पल का सिलसिला है जिंदगी , वक़्त से किस्मत का फासला है जिंदगी , कब कौन सा हादसा हो जाये क्या भरोसा ?
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~Simran